Posted By: Kuldeep Kumar
कुंडा, प्रतापगढ़ : भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती बुधवार को परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई गई। इस दौरान उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही उनके विचारों व सिद्धांतों की चर्चा की गई। उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।
नगर के गांधी नगर स्थित समाज सुधार समिति परिसर में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर अधिवक्तओं ने गोष्ठी का आयोजन किया। इसमें अधिवक्ताओं ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया । गोष्ठी को संबोधित करते हुए कुंडा तहसील के अधिवक्ता उमाकांत निर्मल ने कहाकि भारत के संविधान के निर्माण में डा. अंबेडकर का अहम योगदान है। उन्होंने गरीबों, अतिपिछड़ों को सामाजिक समानता, उत्पीड़न से सुरक्षा का अधिकार दिलाने का प्रयास किया। साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति का अधिकार भी दिलाया। उनकी प्रेरणा से शोषित और वंचित समाज विकास के मार्ग पर अग्रसर है। वर्तमान दौर में भी उनके विचार प्रासंगिक हैं। इन्हें अपनाए बगैर सामाजिक उत्थान संभव नहीं है।
शिक्षक देवेश कुमार ने कहा बाबा साहब ने देश को नई दिशा देने के लिए संविधान निर्माण में योगदान दिया था। देश कभी भी उनके योगदान को भूला नहीं सकता। महिलाओं को पुरूषों के बराबरी का अधिकारी दिलाया। वहीं समाज में भी समरसता को लेकर जीवनपर्यंत प्रयासरत रहे। गोष्ठी में अधिवक्ता ओम प्रकाश तिवारी, संदीप मौर्या, संतोष यादव, अतुल मौर्या, दीपक गौतम आदि लोग मौजूद रहे।
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